Wednesday, June 20, 2012

सवा करोड़ टन अनाज बर्बादी के कगार पर


गेहूं-धान को लेकर समस्या बढ़ती जा रही है। गोदाम भरे हुए हैं और बंपर पैदावार ने सरकारी खरीद केंद्रों के मैदानों को भी भर दिया है। अकेले हरियाणा में 44 लाख टन गेहूं खुले में हैं और सरकार ने भंडारण में हाथ खड़े कर दिए हैं। अनुमान के अनुसार, देश में करीब एक करोड़ टन खाद्यान्न खुले में पड़ा है। मानसून पूर्व की बारिश ने एक लाख टन खाद्यान्न बर्बाद भी कर दिया है, भारी बर्बादी तय मानी जा रही है। यूपी में हजारों क्विंटल गेहूं खुले आसमान के नीचे भगवान भरोसे पड़ा है। सोमवार की मामूली बारिश से कई जिलों में करीब एक लाख टन गेहूं भीग गया। गाजीपुर में दस हजार क्विंटल, जौनपुर में 45 हजार, फतेहपुर में 10 हजार टन, लखीमपुर खीरी, मैनपुरी में हजारों क्विंटल गेहूं भीग चुका है। कौशांबी में क्रय केंद्रों के बाहर पड़ा पांच हजार क्विंटल गेहूं आगाह किए जाने के बाद भी गीला हो गया। प्रतापगढ़ में गेहूं को भीगने से बचाने का फरमान पहली बरसात में ही बह गया। अलीगढ़, आगरा, मुरादाबाद, इलाहाबाद कानपुर, गोरखपुर, हाथरस, नोएडा, कुशीनगर, संत कबीरनगर, महराजगंज, देवरिया, हरदोई, इटावा, औरैया, फर्रुखाबाद, बांदा, बाराबंकी, सीतापुर, में लाखों क्विंटल गेहूं खुले में रखा है। पूरे प्रदेश में इस समय करीब 20 लाख टन अनाज खुले में पड़ा है। हरियाणा में 84 लाख टन की खरीद : गेहूं के केंद्रीय पूल में सर्वाधिक योगदान देने वाले हरियाणा में इस बार गेहूं की बड़े पैमाने पर बर्बादी की आशंका हैं। मंडियां अटी पड़ी हैं और गेहूं की 84 लाख टन रिकॉर्ड खरीद हो चुकी है। भंडारण क्षमता 40 लाख टन की है। 44 लाख टन खाद्यान्न खुले में रखा है। पूरे गेहूं के भंडारण में सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं। पंजाब में 30 लाख टन खुले में : पंजाब में भंडारण का उचित इंतजाम न होने से करीब 30 लाख टन गेहूं खुले में पड़ा है। चालू वर्ष में सूबे में 13 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है। पिछले वर्ष करीब 52 लाख टन गेहूं खुले में रखा था। इसे हटवाने के बाद इस साल नई खरीद हुई थी। बंद पड़े गोदामों में पहले ही लाखों टन गेहूं सड़ चुका है। बिहार, झारखंड में लाखों टन खुले में : बिहार में आरा, औरंगाबाद, बेगूसराय, दरभंगा, भभुआ, बिहारशरीफ, बक्सर, छपरा, गया, गोपालगंज, हाजीपुर, जहानाबाद, नवादा, सासाराम, सीतामढ़ी और सिवान में भी गेहूं व धान खुले में पड़ा है। सीतामढ़ी में रखा हजारों क्विंटल धान सड़ भी चुका है। झारखंड के सरकारी खरीद केंद्रों का भी बुरा हाल है। धनबाद में शुरुआती बारिश में ही धान की भारी बर्बादी हो चुकी है। मप्र व राजस्थान में बुरा हाल : राजस्थान में भी पांच सौ टन से ज्यादा अनाज बर्बाद हो चुका है। बर्बादी की सूचना मध्य प्रदेश से भी है। दोनों प्रदेशों में करीब 15 लाख टन खाद्यान्न खुले में पड़ा है।