खराब भंडारण व्यवस्था के कारण गेहूं, चावल सड़ने की रिपोर्टो के बीच सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को नियमित तौर पर स्टॉक की निगरानी करने और उसकी गुणवत्ता बनाए रखने का निर्देश जारी किया है। सरकारी बयान के मुताबिक, उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधिकारियों को भंडारण व्यवस्था और गुणवत्ता की जांच के लिए विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करने का निर्देश दिया गया है। खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने प्रदेश स्तरीय परामर्श समिति के सदस्यों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सरकार खाद्यान्नों के उचित रखरखाव को लेकर चिंतित है। सरकारी गोदामों में खाद्यान्नों का स्टॉक पहले से ही अब तक के सर्वोच्च स्तर 6.54 करोड़ टन पर है। जबकि मौजूदा भंडारण क्षमता छह करोड़ 23 लाख टन की ही है। बेहतर भंडारण सुविधा के लिए मंत्रालय ने एफसीआइ को निजी क्षेत्र से अतिरिक्त जगह किराए पर लेने को कहा है। खरीद केंद्रों से खाद्यान्नों की ढुलाई समय पर करने के लिए खाद्य मंत्रालय रेलवे मंत्रालय के साथ भी लगातार संपर्क में है। सरकार ने 19 राज्यों में 152 लाख टन अतिरिक्त भंडारण क्षमता निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। कृषि मंत्रालय के ताजा अनुमान के अनुसार, वर्ष 2010-11 में देश का खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 24 करोड़ टन रह सकता है।
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