Monday, October 17, 2011

पंजाब, केरल जैसे राज्यों में घटी खाद्यान्न पैदावार



देश में पिछले पांच साल में एक तरफ जहां पंजाब, केरल, पश्चिम बंगाल जैसे प्रमुख उत्पादक प्रदेशों की देश के कुल खाद्यान्न उत्पादन में हिस्सेदारी घटी है वहीं दूसरी तरफ राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड जैसे राज्यों का योगदान बढ़ा है। उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर के अध्ययन के अनुसार, ‘पिछले पांच साल में राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड तथा कर्नाटक में कृषि उत्पादन में उच्च वृद्धि दर्ज की गई है और इनकी देश के कुल अनाज उत्पादन में हिस्सेदारी 2002-06 में 17.4 प्रतिशत से बढ़कर 2007-11 में 19 प्रतिशत हो गई।पीएचडी चैंबर रिसर्च ब्यूरो के अध्ययन के मुताबिक, ‘वहीं दूसरी तरफ पंजाब, केरल, पश्चिम बंगाल तथा उत्तर प्रदेश जैसे उच्च कृषि उत्पादक राज्यों की देश के कुल अनाज उत्पादन में हिस्सेदारी आलोच्य अवधि में 41 प्रतिशत से घटकर 38 फीसद रही।
पिछले पांच वर्ष की अवधि के दौरान झारखंड में खाद्यान्न उत्पादन में 40 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। राज्य में वर्ष 2002-06 के दौरान जहां औसतन 22.8 लाख टन सालाना खाद्यान्न का उत्पादन हुआ वहीं 2007-11 में यह बढ़कर औसतन 32 लाख टन सालाना हो गया। इसी प्रकार, राजस्थान में 2007-11 के दौरान खाद्यान्न उत्पादन 21.84 प्रतिशत बढ़कर औसतन 1.54 करोड़ टन सालाना रहा जो 2002-06 के दौरान यह औसतन 1.26 करोड़ टन सालाना था। आलोच्य अवधि में महाराष्ट्र और कर्नाटक में खाद्यान उत्पादन में क्र मश: 22.3 प्रतिशत तथा 24.09 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। महाराष्ट्र में खाद्यान्न उत्पादन 2002-06 के दौरान औसतन 1.09 करोड़ टन सालाना था जो 2007-11 के दौरान बढ़कर 1.34 करोड़ टन हो गया। कर्नाटक में खाद्यान्न उत्पादन आलोच्य अवधि में 91.8 लाख टन से बढ़कर 1.14 करोड़ टन हो गया। अध्ययन में कहा गया है, ‘‘पंजाब, केरल, पश्चिम बंगाल तथा उत्तर प्रदेश जैसे खाद्यान्न के प्रमुख उत्पादक राज्यों में अब हरित क्रांति का प्रभाव मद्धिम पड़ने लगा है। इन राज्यों में खाद्यान्न उत्पादन की वृद्धि दर अब स्थिर अवस्था में पहुंच गयी है।

No comments:

Post a Comment