Wednesday, June 29, 2011

देश में है 100 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में वेटलैंड


भारत में पहली बार देश के सभी नम इलाकों (वेट लैंड) की सूची तैयार कर ली गई है। इसरो ने यह सूची उपग्रह से मिले चित्रों के आधार पर तैयार की है। नम भूमि में जलस्तर सतह पर या सतह के करीब होता है और यह इलाका कृषि के लिए सबसे योग्य भूमि मानी जाती है। इन इलाकों के चिन्हित होने से अब सरकार इनकी देखभाल अपने हाथ में ले सकेगी और इसको संरक्षित कर सकेगी। इस सर्वे के बाद देश की अमूल्य संपदा का सही लेखा-जोखा मिला है। भारत के पास कुल 100 लाख हेक्टेयर वेटलैंड है। यह सबसे समृद्ध हरित संपदा देश को विकास के नए पायदान तक ले जा सकती है। इसरो की शहरीकृत संस्था स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (एसएसी) ने यह सूची तैयार की है और एटलस पर दिखने वाले देश के ऐसी सभी नम क्षेत्रों का लेखा-जोखा पहली बार तैयार कर लिया गया है। नम क्षेत्र सबसे हरियाली वाले और सबसे उपजाऊ क्षेत्र होते हैं। इन इलाकों के चलते जलीय-चक्र संतुलित रहता है और यह क्षेत्र तूफान और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं को आने से रोकते हैं। इस उपजाऊ जमीन में ना सिर्फ भरपूर शुद्ध पानी होता है बल्कि इस भूमि से बेहतरीन भोजन और अन्य प्राकृतिक उत्पाद भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं। एसएसी के निदेशक डॉ. रंगनाथ आर नवलगंुड के अनुसार इन नम इलाकों को 19 श्रेणियों में रखा गया है। इन नक्शे में पानी के फैलाव से लेकर जल आधारित हरित क्षेत्र और दलदली भूमि शामिल है। एसएसी के अध्ययन के अनुसार नदियों को छोड़कर नम इलाकों का फैलाव 100 लाख हेक्टेयर है जो कि देश के भौगोलिक इलाके का तीन फीसदी से कुछ अधिक हिस्सा है। इन सौ लाख हेक्टेयर नम क्षेत्र में से करीब 25 लाख इलाके ही संरक्षित हैं। इसके अलावा 24 लाख हेक्टेयर विशुद्ध दलदल है। झील और तालाब 70 लाख हेक्टेयर में हैं। जमीन की सतह पर छिपा जल 13 लाख हेक्टेयर में है। हरियाली व वन क्षेत्र 47 लाख हेक्टेयर में है जबकि मूंगे की चट्टानें 14 लाख हेक्टेयर में हैं। राज्य वार कुल नम क्षेत्र 96.12 फीसदा का 18.52 प्रतिशत अंडमान व निकोबार द्वीप में है। दमन दीव में 18.46 और गुजरात में 17.56 फीसदी है, जोकि सबसे अधिक है। वहीं सबसे कम नम इलाके मिजोरम, हरियाणा, दिल्ली, सिक्कम, नगालैंड और मेघालय में हैं जिनका कुल योग भी 1.5 फीसदी से कम है। खास बात यह भी है कि भारत के पास सबसे लंबा समुद्र तट होने के नाते समुद्र के अंदर भी कुछ नम क्षेत्र आता है। इन तटीय इलाको में नम क्षेत्र की अन्य खूबियों के अलावा खनिज भी भरपूर हैं। इस समृद्ध संपदा से देश के विकास के नए प्रतिमान खड़े किए जा सकेंगे।


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