Monday, September 10, 2012

जीडीपी में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी घटी


सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि की हिस्सेदारी पिछले लगभग आठ साल में पांच प्रतिशत घटकर 14 प्रतिशत रह गई। इसका कारण अन्य क्षेत्रों में उच्च वृद्धि है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों का योगदान वर्ष 2004-05 में जीडीपी का 19 प्रतिशत था तो 2004- 05 के मूल्य स्तर के मुकाबले वर्ष 2011-12 में 14 प्रतिशत रह गया। समय बीतने के साथ इस प्रतिशत में लगातार कमी आ रही है। आंकड़ों में कहा गया है कि जीडीपी में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों का योगदान वर्ष 2004-05 के 19 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2005-06 में 18.3 प्रतिशत रह गया जबकि वर्ष 2006-07 में यह घटकर 17.4 प्रतिशत रह गया। वर्ष 2007-08 में 16.8 प्रतिशत, वर्ष 2008-09 में 15.8 प्रतिशत जबकि वर्ष 2011-12 में कृषि क्षेत्र का योगदान और घटकर 14 प्रतिशत रह गया। सरकारी सूत्रों ने बताया कि यह गिरावट गैर कृषि क्षेत्रों के जीडीपी में अधिक योगदान की तुलना के कारण है। लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि कृषि की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार कृषि क्षेत्र में सकल पूंजी सृजन (जीसीएफ) निवेश वर्ष 2004-05 के 69,148 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2010-11 में 1,30,907 करोड़ रुपए हो गया। इसमें कहा गया है कि इसके अलावा ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजनावधि में कृषि क्षेत्र का औसत विकास दर 3.3 प्रतिशत रहा जो 10वीं योजनावधि के दौरान 2.4 प्रतिशत था। खाद्यान्न उत्पादन भी वर्ष 2006-07 के 21 करोड़ 72.8 लाख टन से बढ़कर वर्ष 2011-12 में 25 करोड़ 74.4 लाख टन हो गया। संयुक्त राष्ट्र की इकाई खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार दुनिया की कुल खेतीयोग्य भूमि में भारत की हिस्सेदारी 2.3 प्रतिशत है।
       










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