Tuesday, September 11, 2012

कृषि कर्ज पर किसानों को मिल सकती है रियायत


नई दिल्ली, प्रेट्र : कृषि कर्ज पर ब्याज दरों में कटौती के जरिये सरकार सूखे से प्रभावित किसानों के जख्मों पर मरहम लगाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत समय पर कर्ज का भुगतान नहीं करने पर ब्याज दर को सात फीसद पर ही बरकरार रखने का प्रस्ताव है। मंत्रियों का अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) मंगलवार को इस पर फैसला कर सकता है। अभी कृषि कर्ज सात फीसद की दर पर दिया जाता है। मगर सूखे जैसी स्थिति में समय पर भुगतान नहीं करने से इसे मियादी कर्ज में बदल दिया जाता है और इस पर 12 फीसद ब्याज चुकाना होता है। इसके तहत किसानों को कर्ज चुकाने के लिए तीन साल का समय मिल जाता है। सूखे से प्रभावित राज्य कृषि कर्ज पर रियायत देने की मांग कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक ईजीओएम में मियादी कर्ज का मामला प्रमुखता से उठाया जाएगा। कृषि मंत्री शरद पवार की अध्यक्षता वाले ईजीओएम में मनरेगा के तहत 100 दिन के रोजगार को 150 दिन करने पर भी विचार होगा। यह योजना सिर्फ चालू वित्त वर्ष के लिए होगी। इसके अलावा बाग-बगीचों, फलों और मेवे की खेती को बचाने के लिए विशेष पैकेज पर भी ईजीओएम में चर्चा होगी। यदि ईजीओएम कृषि कर्ज पर ब्याज घटाने का फैसला करता है तो किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।


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