Tuesday, July 12, 2011

आपत्तियों के निस्तारण के बाद ही अधिग्रहण


ग्रेटर नोएडा किसानों की नाराजगी को दूर करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कई अहम फैसले लिए हैं। अब किसानों की आपत्तियों का निस्तारण किए बिना जमीन अधिग्रहण नहीं होगा। इमरजेंसी क्लॉज भी नहीं लगाया जाएगा। छह प्रतिशत भूखंड आवंटन में तेजी लाई जाएगी। इसी सप्ताह बैकलीज की कार्रवाई भी शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए तीन सदस्य समिति बना दी गई है। सीईओ रमा रमन ने किसानों को आश्र्वस्त किया कि धारा-5ए में पहले उनकी आपत्तियों की सुनवाई होगी, समस्या निराकरण के बाद ही धारा-छह की कार्रवाई की जाएगी। इसका प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। शासन से मंजूरी मिलते ही किसानों की आपत्तियों के निस्तारण का काम शुरू कर दिया जाएगा। सीईओ ने कहा कि यदि किसान उन्हें पंचायत में बुलाना चाहेंगे तो वे जरूर जाएंगे। उन्होंने बताया कि दो माह पूर्व वैदपुरा, रोजा जलालपुर, चिपियाना बुजुर्ग, जान समाना व अच्छेजा आदि गांवों में जमीन अधिग्रहण की प्रथम चरण की कार्रवाई धारा-चार की गई थी। किसानों ने इस पर आपत्तियां दर्ज कराई है। प्राधिकरण स्तर पर आपत्तियों के निस्तारण में विलंब इसलिए हुआ कि क्योंकि इसका प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इस कार्रवाई में समय लगता है। शासन से हरी झंडी मिलते ही आपत्तियों के निस्तारण का काम तेजी से शुरू हो जाएगा। मायचा, डाबरा, रामपुर व रिठौड़ी आदि गांवों के किसानों को आश्वस्त करते हुए सीईओ ने कहा कि यदि किसानों को कोई परेशानी है तो वे अधिकारियों से किसी भी समय आकर मिल सकते हैं। प्राधिकरण तीन दर्जन गांवों में अब तक 10 हजार से अधिक किसानों की आबादी की समस्या का निस्तारण कर चुका है। कोर्ट में गए किसानों से वार्ता की पहल : जमीन अधिग्रहण के खिलाफ हाई कोर्ट गए अन्य किसानों से प्राधिकरण ने वार्ता की पहल की है। अधिकारी गांवों में जाकर किसानों के साथ खुली बैठक करेंगे और उनकी समस्याएं सुनेंगे। नोएडा एक्सटेंशन के गांव साबेरी में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमीन अधिग्रहण रद किए जाने पर प्राधिकरण अब फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। किसानों का विश्र्वास हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है। निवेशकों को पैसा ब्याज समेत मिलेगा : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने नोएडा एक्सटेंशन के निवेशकों को भरोसा दिलाया है कि प्राधिकरण ब्याज समेत उनकी धनराशि वापस कराएगा। बिल्डर व मुआवजा उठा चुके किसानों को भी राहत दी गई है। सीईओ रमा रमन ने कहा कि बिल्डर जब चाहें प्राधिकरण से अपनी जमा धनराशि ले सकते हैं। प्राधिकरण प्रार्थना पत्र मिलने के तीसरे दिन धनराशि लौटा देगा। जिन किसानों ने जमीन का मुआवजा उठाकर दूसरे व्यवसायों में खर्च कर दिया है, उनके पास यदि मुआवजा वापस करने के लिए रकम नहीं बची है तो प्राधिकरण उन पर पैसे के लिए दबाव नहीं बनाएगा। प्राधिकरण उनके साथ नए सिरे से समझौता करेगा। इसमें किसानों को नई दरों पर जमीन की कीमत देकर प्राधिकरण के पक्ष में सीधे रजिस्ट्री कराई जाएगी। उसमें मुआवजे की रकम को समाहित कर 


देंगे


पृष्ठ संख्या 02, दैनिक जागरण (राष्ट्रीय संस्करण), 12 जुलाई, 2011

No comments:

Post a Comment