Sunday, July 24, 2011

हरियाणा ने रोकी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया


चंडीगढ़ भू-अधिग्रहण पर देश में मची हायतौबा के बीच अपनी नीति के सबसे बेहतर होने का दावा कर रही हरियाणा सरकार ने अचानक सूबे में भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया रोक दी है। इससे न सिर्फ किसानों को राहत मिली है, बल्कि राज्य के विभिन्न जिलों में चल रहे आंदोलन पर भी विराम लग सकता है। प्रदेश सरकार का कहना है कि केंद्रीय भूमि अधिग्रहण बिल के इंतजार में अधिग्रहण का काम रोका गया है। सरकार को उम्मीद है कि केंद्रीय नीति में किसानों के लिए कुछ खास होगा। वहीं, सरकार को अधिग्रहण की धारा -6 के नोटिसों में नए सिरे से संशोधन नहीं करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने पिछले छह माह या 1 फरवरी के बाद जिन जिलों में भू-अधिग्रहण के लिए जहां धारा-4 का नोटिस जारी किया गया है, वहां धारा-6 का नोटिस जारी न करने के निर्देश दिए हैं। इस आदेश के बाद रेवाड़ी में सेक्टर 20 व 21 के लिए अधिग्रहीत भूमि का विरोध थम गया है, जहां मल्टीपर्पज लॉजिस्टिक हब बनाने के लिए दो दिन पहले 3677 एकड़ भूमि के अधिग्रहण की नोटिस जारी की गई थी। अफसरों के मुताबिक, विकास कार्यो के लिए किए जाने वाले भूमि अधिग्रहण पर यह फैसला लागू नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि हुडा सरकार ने छह साल की अवधि में राज्य में 16,362 एकड़ जमीन अधिग्रहीत की है। इसके एवज में किसानों को 4173 करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में दिए गए।


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