Saturday, July 16, 2011

बुंदेलखंड में किसानों से कर्ज वसूली पर रोक


बुंदेलखंड में किसानों की आत्महत्या से संबंधित याचिका पर सुनवाई हाई कोर्ट ने शुक्रवार को किसानों से ऋण वसूली पर प्रभाव से रोक लगा दी। अदालत ने ऋण वसूली को लेकर दाखिल राज्य की बसपा सरकार के जवाब को खारिज कर दिया। साथ ही केंद्र व राज्य सरकार को फिर से हलफनामा पेश करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी। चीफ जस्टिस एफआइ रिबेलो व न्यायमूर्ति प्रकाश कृष्ण की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। जनहित याचिका बुंदेलखंड में 519 किसानों की छह माह में आत्महत्या संबंधी रिपोर्ट पर आधारित है। जिसको हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था। खंडपीठ ने बुंदेलखंड के सभी जिलों के जिलाधिकारियों को किसानों की आत्महत्या से संबंधित विवरण और बीपीएल-एपीएल की सूची के साथ तलब किया है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से प्रमुख सचिव राजस्व बीपी सिंह ने जवाबी हलफनामा दाखिल कर बताया कि केंद्र सरकार द्वारा क्षेत्र के विकास के लिए मिले 700 करोड़ रुपये के अलावा राज्य सरकार भी धन मुहैया करा रही है। क्षेत्र में केंद्र व राज्य सरकार की कई योजनाओं को लागू किया गया है। क्षेत्र के विकास के लिए लागू इन योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा है। राज्य सरकार ने अपने जवाब में यह भी कहा कि क्षेत्र में किसी ऋण वसूली व भूख की वजह से मौत नहीं हुई है, लेकिन रिपोर्ट को खारिज करते हुए खंडपीठ ने आदेश दिया कि केंद्र व राज्य सरकार वहां चलाई जा रही योजनाओं व स्पेशल पैकेज पर नया हलफनामा पेश करें।

No comments:

Post a Comment