Saturday, August 20, 2011

किसानों के घावों पर मरहम लगाने मावल पहुंचे राहुल गांधी


मुंबई कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी ने गुरुवार को पुणे के मावल तालुके का दौरा कर पुलिस गोलीबारी में मारे गए किसानों के परिजनों से मुलाकात की। मावल में नौ अगस्त को पुलिस की गोली से चार किसानों की मौत हो गई थी। गोलीबारी पावना बांध का पानी निकट के औद्योगिक कस्बे पिंपरी-चिंचवड़ को देने का विरोध कर किसानों पर की गई थी। उत्तर प्रदेश के भट्टा पारसौल में किसानों के लिए पदयात्रा कर चुके राहुल गांधी पर यह आरोप लगता रहा है कि वह महाराष्ट्र के जैतापुर और मावल जैसे स्थानों के किसानों के पास क्यों नहीं जाते। महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी की ही सरकार है, जोकि उक्त दोनों स्थानों पर किसानों की भूमि का अधिग्रहण उनकी मर्जी के विरुद्ध कर रही है। किसानों द्वारा इस अधिग्रहण का विरोध करते हुए कुछ माह पहले जैतापुर में पुलिस की गोली से एक किसान की मौत हो गई थी, और पिछले सप्ताह मावल में भी पुलिस की ही गोलीबारी में चार किसान मारे गए। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने गुरुवार को मावल में घायल किसानों एवं उनके परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने गोलीबारी की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए किसानों को हर प्रकार की मदद का भरोसा दिलाया। राहुल इस गोलीबारी का शिकार हुए कुछ किसानों के घर भी गए। इस दौरान राज्य सरकार के कई बड़े अधिकारी उनके साथ थे, लेकिन विपक्ष उनके इस दौरे को ढोंग बता रहा है। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता एकनाथ खडसे का कहना है कि राहुल गांधी ने मावल का दौरा कर सिर्फ एक औपचारिकता निभाने की कोशिश की है। इससे किसानों की किसी समस्या का हल नहीं होने वाला। दूसरी ओर राहुल के दौरे को कांग्रेस बनाम राष्ट्रवादी कांग्रेस की राजनीति के नजरिए से भी देखा जा रहा है। मावल गोलीबारी मामले में विपक्ष शुरू से राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को घेरने का प्रयास करता रहा है। गृह मंत्रालय भी राकांपा के ही पास है। कभी कांग्रेस का गढ़ रहे पुणे पर अब अजीत पवार का दबदबा माना जाता है। अजीत केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के भतीजे हैं। कांग्रेस मान रही है कि राहुल का दौरा क्षेत्र के किसानों में कांग्रेस के प्रति सद्भावना पैदा कर सकता है।



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