Friday, August 12, 2011

किसानों को बिचौलियों से बचाने की कवायद


देहरादून आंध्र प्रदेश का रायतू बाजार हो या कनार्टक का रैयथात सैंथागलू, तमिलनाडु का उलूवार संथाई हो अथवा पंजाब की अपनी मंडी, मंशा सबकी यही है कि छोटी जोत वाले किसान लाभांवित हों। साथ ही, उपभोक्ताओं को उच्चगुणवत्ता वाले उत्पाद मिल सकें। चारों राज्यों में सफल इस कांसेप्ट को अब उत्तराखंड में भी अपनाया जा रहा है। नाम दिया गया है अपणु बाजार। इसके जरिए किसान सीधे उपभोक्ताओं तक उत्पाद पहंुचा सकेंगे। सरकार का भी इसे अनुमोदन मिल गया है और इसकी शुरुआत होगी देहरादून जिले से। लघु एवं सीमांत किसानों को उत्पाद का उचित लाभ न मिल पाना उत्तराखंड में भी एक बड़ी समस्या है। वजह, विपणन की व्यवस्था का अभाव। ऐसे में बडे़ किसान तो मंडियों तक उत्पाद ले जाते हैं, लेकिन छोटी जोत वाले कृषकों के लिए यह संभव नहीं हो पाता और बिचौलियों के हाथों औने-पौने दामों पर उत्पाद बेचना मजबूरी बन जाती है। कई मर्तबा तो उत्पाद खेतों में ही सड़ जाते हैं। इसको देखते हुए हाल ही में शासन ने एक दल को अध्ययन के लिए कर्नाटक व आंध्र प्रदेश भेजा। वहां से कांसेप्ट मिला तो अब इसे कुछ संशोधनों के साथ उत्तराखंड में भी लागू करने की योजना बनाई गई। अपणु बाजार को धरातल पर उतारने को सरकार ने हरी झंडी दे दी है। इसके तहत गांवों के नजदीकी कस्बों व शहरों में टिन शेड बनाकर बैठने को चबूतरे बनाए जाएंगे, जिनका किसानों के स्वयं सहायता समूहों को पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर आवंटन होगा। इससे विपणन की दिक्कत तो दूर होगी ही, लोगों को ताजी सब्जियां समेत अन्य उच्च गुणवत्तायुक्त उत्पाद वाजिब दामों पर मिल सकेंगे। दरअसल, अपणु बाजार कस्बों व शहरों के करीब विकसित होंगे। यह किसानों के अपने बाजार होंगे। इसके लिए किसानों के स्वयं सहायता समूहों को निशुल्क चबूतरे मिलिेंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि इन बाजारों की सौ मीटर परिधि में कोई दूसरा फुटकर विक्रेता बाजार नहीं होगा। इससे किसानों को उत्पादों के वाजिब दाम मिलेगा। उपभोक्ताओं को ताजे एवं उच्च गुणवत्तायुक्त उत्पाद मिलने में आसानी होगी। छोटे किसानों की विपणन की दिक्कतें दूर होंगी साथ ही छोटे किसानों को ज्यादा फायदा अपणु बाजार की शुरुआत देहरादून जिले से होगी। पहले चरण में डांडालखौंड में चार बीघा भूमि पर यह विकसित होगा। फिर ननूरखेड़ा, नेहरूग्राम, हरिद्वार रोड, सहस्त्रधारा क्रॉसिंग आदि स्थानों पर भी ऐसी पहल होगी। राज्य के कृषि सचिव ओमप्रकाश का इस संबंध में कहना है कि अपणु बाजार स्कीम सरकार से एप्रूव हो गई है। अक्टूबर तक डांडालखौंड में इसे आकार मिल जाएगा। धीरे-धीरे इसे राज्य के अन्य क्षेत्रों में फैलाया जाएगा।



No comments:

Post a Comment