Sunday, March 6, 2011

देश-विदेश को वैदिक खेती सिखा रहा हरियाणा का किसान


सिरसा वेद-पुराण सिर्फ हमारी सभ्यता-संस्कृति के वाहक नहीं, बल्कि अभी भी सफलता की गारंटी हैं। वैदिक युग के नुस्खे से मिश्रित या सामुदायिक खेती से जबर्दस्त नतीजे लेकर सिरसा के छोटे से कस्बे के किसान हरपाल सिंह ग्रेवाल ने कुछ यही साबित किया है। सिरसा से 12 किलोमीटर दूर स्थित बाबा सावन सिंह थेड़ी के किसान हरपाल सिंह ग्रेवाल ने वेद-पुराणों में वर्णित कृषि पद्धति को आधुनिक प्रयोगों के संग अपनाकर खेती की अनोखी राह दिखाई है। पिता से मिले ज्ञान के तहत वे अपने खेतों में एक साथ चार फसलों की उपज ले रहे हैं। इससे न केवल अधिक उपज होती है, बल्कि परंपरागत खेती की कई समस्याओं से भी मुक्ति मिलती है और फसल चक्र जैसे मसले का अंत भी। वह बताते हैं कि अग्निहोत्र, वृक्ष आयुर्वेद, पांचांग आदि पुराणों में कृषि के विविध रूपों को वर्णित किया गया है। इस नुस्खे या मिश्रित खेती में चार फसलों की एक साथ खेती होती है। इनके बीजों को एक साथ मिलाकर इसकी बुवाई की जाती है। पिछले 20 वर्षो से गेहूं, चना, सरसों व अलसी की पैदावार एक साथ प्राप्त रहे हैं। मिश्रित खेती से पैदावार भी अधिक मिल रही है। एक एकड़ में गेहूं 10 क्विंटल, चना छह क्विंटल, अलसी एक क्विंटल तथा सरसों पांच क्विंटल प्राप्त होता है। ग्रेवाल के साथ अब कई किसान जुड़ गए हैं और उन्होंने डाल दी है सामुदायिक खेती की नींव। अभी वह रूपाली शेरगिल, दलजीत सिंह भड़ाल, जसपाल सिंह ग्रेवाल व खुद की लगभग 87 एकड़ जमीन में सामुदायिक खेती कर रहे हैं। ग्रेवाल से खेती का यह गुर सीखने अमेरिका, आस्ट्रेलिया से हर वर्ष किसानों के दल आ रहे हैं। ग्रेवाल ने फसलों की सिंचाई के लिए वाटर हार्वेस्टिंग को अपनाया है। इसके तहत 4.1 एकड़ भूमि में वाटर बैंक बनाया है। 95 फीट चौड़ाई तथा 17 फीट गहराई वाला वाटर बैंक पर्यावरण को भी अनुकूल रखता है। सवाल रहा इन चारों फसलों को काटने के बाद अलग करना तो ग्रेवाल के अनुसार इसमें कोई परेशानी नहीं होती। पहले सरसों की फसल को काटा जाता है और शेष तीन फसलों को एक साथ काटते हैं। पुराने समय में सिरकियां या झारना होती थीं। उसी विधि से इन्हें आसानी से अलग कर लिया जाता है। झारना लोहे की प्लेट होती है जिसमें अलग-अलग आकार के छेद होते हैं। थ्रेसर में अलग-अलग आकार के झारने का प्रयोग करके एक ही समय में गेहूं, चना व अलसी को अलग कर लिया जाता है|

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