Thursday, April 7, 2011

गेहूं और दलहन उत्पादन के टूटे सारे रिकॉर्ड


वर्षो से लगातार दालों का आयात कर रही सरकार को अचानक इसके उत्पादन में चमत्कार की उम्मीद है। दालों के उत्पादन का यह अनुमान सही साबित हुआ तो दालों की आयात निर्भरता घटनी तय है। आजादी के बाद पहली बार देश में दलहन की पैदावार 173 लाख टन तक होने का अनुमान लगाया गया है। इसी तरह गेहूं की पैदावार भी 8.42 करोड़ टन होने की उम्मीद है। गेहूं व दलहन की संभावित पैदावार के यह आंकड़े अब तक के सर्वोच्च हैं। रबी फसलों की पैदावार के तीसरे अग्रिम अनुमान के आंकडे़ जारी करते हुए बुधवार को कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि चालू रबी सीजन में खाद्यान्न का कुल उत्पादन सर्वाधिक 23.58 करोड़ टन होगा। फसलों की पैदावार में दालों के आंकड़े से सरकार खुद चकित है। इसके पहले दलहन का रिकॉर्ड 1.49 करोड़ टन उत्पादन वर्ष 2003-04 में हुआ था। इसीलिए घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए हर साल 20 से 30 लाख टन दालों का किया जाता रहा है। इस बार होने वाली दालों की कुल पैदावार में अरहर 31.5 लाख टन, उड़द 18.2 लाख टन और मूंग 13.7 लाख टन होने का अनुमान है। दलहन के साथ तिलहन में भी घरेलू मांग बढ़ने से आयात निर्भरता लगातार बढ़ती रही है, मगर चालू रबी सीजन में इसके उत्पादन ने भी रिकॉर्ड स्तर को छू लिया है। तिलहन का उत्पादन 3.03 करोड़ टन होने का अनुमान है। इसी तरह कपास का उत्पादन भी अब तक का उच्चतम होगा। ताजा अनुमान के अनुसार चालू सीजन में 3.39 करोड़ गांठ (एक गांठ में 170 किलो) कपास का उत्पादन होगा। वहीं, गन्ने का उत्पादन 34 करोड़ टन होने का अनुमान है|

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