Sunday, April 17, 2011

एक पौधे से ही लीजिए दो किस्म की फसलें


पौधा एक और फसल दो। चौंक गए! रांची आइए, एक ही पौधे में टमाटर और बैंगन दोनों फलते हुए दिख जाएंगे। हेसाग निवासी मनोहर लाल चावदा ने काफी मेहनत और शोध के बाद इन पौधों को तैयार किया है। पहाड़ी जड़ी-बूटी के पौधे में बैंगन और टमाटर की ग्राफ्टिंग की है। पिछले वर्ष जुलाई में लगाए गए पौधे अब भी फल-फूल रहे हैं। पौधे की लंबाई अब सात फीट हो गई है। मनोहर लाल ने बताया कि इलाके में मिलने वाले जंगली पौधों वृहती की खासियत देखकर उनके दिमाग में यह आइडिया आया। वृहती जिसे स्थानीय भाषा में कुटमा कहते हैं, इसकी आयु काफी ज्यादा होती है। जबकि सब्जी के पौधों की अधिकतम आयु एक वर्ष। पहले चरण में मनोहर ने कुटमा के पौधे पर बैंगन को ग्राफ्ट किया, प्रयोग सफल रहा। इसके बाद इसी पौधे पर टमाटर ग्राफ्ट किया गया। कुछ ही दिनों बाद इस पौधे पर बैंगन और टमाटर दोनों फलने लगे। इन दोनों सब्जियों की सफलता पूर्वक ग्राफ्टिंग के बाद मनोहर अब शिमला मिर्च पर प्रयोग आजमाने में जुटे हुए हैं। बचपन से ही मनोहर लाल को पेड़ों से लगाव था। सरकारी नौकरी छोड़ दी। कुछ दिनों तक दर्जी का काम किया। लेकिन सिर पर तो जुनून सवार था पेड़-पौधों के प्रति। अपने घर के आंगन में ही छोटी सी जगह पर पौधों पर शोध शुरू किया। काफी मशक्कत के बाद तीन तरह के पौधे उन्होंने विकसित किए। एक केवल बैंगन का, दूसरा ग्राफ्टेड बैंगन और तीसरा ग्राफ्टेड बैंगन व टमाटर का पौधा है। तीसरे पौधे में बैंगन की चार किस्मों को ड्राफ्ट किया गया है। सबमें फल-फूल दिख रहे हैं। मनोहर लाल ने पपीता पर भी शोध किया है। एक पेड़ में तीन स्थानों पर मिट्टी लगाकर कलम जमाने का कार्य किया है। पिछले वर्ष इसकी अच्छी फसल भी उन्हें मिली है।


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