Monday, December 20, 2010

गेहूं की बुआई तो बढ़ी नहीं, आंकड़ो से खेल

चालू रबी सीजन में गेहूं की घटती बुआई के मद्देनजर कृषि मंत्रालय ने पिछले साल के आंकड़े को ही बदल दिया है ताकि गेहूं बुआई की खराब स्थिति को पिछले साल की भारी बुआई के मुकाबले संतोषजनक दिखाया जा सके। मगर आंकड़ों के इस घालमेल से सरकार और गंभीर उलझन में फंस सकती है क्योंकि इसी आधार पर गेहूं की पैदावार को भी संशोधित करना पड़ सकता है। आने वाले दिनों में गेहूं बुआई के लक्ष्य को हासिल करना कठिन होगा। साथ ही बुआई में देरी से गेहूं की पैदावार घटने का अंदेशा है। रबी सीजन में गेहूं की बुआई के आंकड़ों को संतुलित दिखाने के चक्कर में पिछले साल के आंकड़ों को कभी कम तो कभी अधिक दिखाया गया है। गेहूं निदेशालय और कृषि मंत्रालय के मौसम आधारित फसलों के साप्ताहिक बुआई आंकड़ों में भारी अंतर है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार गेहूं की बुआई जनवरी के पहले सप्ताह तक होती है, लेकिन मौसम के अचानक बहुत ठंडा होने से गेहूं की बुआई थम सकती है। गेहूं निदेशालय के आंकड़ों में तीन दिसंबर, 2009 को खत्म हुए सप्ताह में 181.05 लाख हेक्टेयर में गेहूं बो दिया गया था। लेकिन कृषि मंत्रालय द्वारा बीते सप्ताह जारी चालू बुआई सीजन के आंकड़े में इसे घटाकर 161.77 लाख हेक्टेयर कर दिया गया है, ताकि चालू सीजन में गेहूं रकबा 141.97 से बहुत कम न दिखाई पड़े। इसी आंकड़े में बिहार में पिछले साल की समान अवधि में 4.74 लाख हेक्टेयर में बुआई हो गई थी। इसे ताजा आंकड़े में घटाकर 2.72 लाख हेक्टेयर बताया गया है। इस वजह से बिहार में 1.36 लाख हेक्टेयर की बुआई बहुत कम न लगे। पिछले साल की इसी अवधि में उत्तर प्रदेश में भी गेहूं की बुआई 60.33 लाख हेक्टेयर हो चुकी थी, जिसे घटाकर 42.35 लाख हेक्टेयर किया गया है। जबकि दोनों आंकड़ों में कोई अंतर नहीं होना चाहिए। आंकड़ों में हेरफेर का खेल 10 दिसंबर वाले सप्ताह में भी चला। पिछले साल के इसी सप्ताह में बिहार में 11.36 लाख हेक्टेयर गेहूं बोया गया था, लेकिन चालू साल में जारी आंकड़े में इसी आंकड़े को 4.59 लाख हेक्टेयर बताया गया है। चालू सीजन में वास्तविक बुआई केवल 5 लाख हेक्टेयर हो सकी है, जिसे अधिक दिखाने के लिए ऐसा किया गया है। आंकड़ों का यह खेल अन्य फसलों के बुआई रकबे में भी हो सकता है। पिछले साल 10 दिसंबर वाले सप्ताह में बुआई के कुल रकबे में भी 5 लाख हेक्टेयर का अंतर दिखा दिया गया है।

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