Thursday, December 30, 2010

किसान अब एसएमएस से सीखेंगे खेती के गुर

अब मोबाइल पर एसएमएस के जरिए हरियाणा के किसानों को वैज्ञानिक विधि से खेती के गुर बताए जाएंगे। खास बात यह है कि किसानों को संदेश हरियाणवी में भेजा जाएगा, ताकि वे सीधा संवाद स्थापित कर सके और संदेश को भली-भांति समझ सकें। पहले भी यह बहस का विषय रहा है कि वैज्ञानिकों की अंग्रेजी में गढ़ी तकनीक किसान के खेतों तक नहीं पहुंच पाती, लेकिन सीसा परियोजना के तहत अब पल भर में ही किसान को उसके खेतों पर वैज्ञानिक तकनीक पहुंचाने की अनोखी पहल हुई है। सीरियल सिस्टम्स एनिशिएटिव फार साउथ एशिया (सीसा) के सीएसएसआरआइ में स्थापित हरियाणा हब में वैज्ञानिकों ने गहन मंथन के बाद यह अभिनव प्रयोग किया है। इस योजना के पहले चरण में हब के तहत आने वाले जिले यमुनानगर, करनाल, सोनीपत, पानीपत, कुरुक्षेत्र, अंबाला, कैथल, मेरठ व गाजियाबाद के चार हजार किसानों का डाटाबेस तैयार कर उन्हें एक यूनिक नंबर दिया गया है। डाटाबेस में किसान का पता, मोबाइल नंबर और वह किस चीज की खेती करता है सहित कई बिंदुओं को शामिल किया गया है। इस योजना के तहत वैज्ञानिकों का एक पैनल तैयार किया गया है। यह पैनल तय करेगा कि किस किसान के पास किस तकनीक, सावधानी व दवाई का प्रयोग विभिन्न बातों से संबंधित संदेश भेजा जाए। यदि कोई किसान गेहूं का उत्पादन करता है तो उसे इस फसल से संबंधित संदेश भेजा जाएगा। संदेश की खास बात यह होगी कि यदि हरियाणा के किसान को संदेश भेजा जाएगा तो वह हरियाणवी में लिखा जाएगा और यदि संदेश उत्तर प्रदेश के जिले मेरठ और गाजियाबाद में भेजा जाएगा तो वहां की लोकभाषा में लिखा जाएगा। हरियाणा हब के समन्वयक डॉ. बीआर कांबोज ने बताया इस योजना के तहत संदेश भेजने का काम शुरू हो चुका है।

No comments:

Post a Comment