Sunday, December 26, 2010

तेजी के बावजूद प्याज उत्पादक मायूस

प्याज की कीमत में आई तेजी के बावजूद किसानों के चेहरे पर खुशी नहीं देखी जा रही है क्योंकि सारा मुनाफा बिचौलिये कमा रहे हैं। आजादपुर मंडी पहुंचे किसानों का कहना है कि कीमत में आई तेजी का लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है। किसानों को मंडी में प्याज 15 से 20 रुपये प्रति किलो के भाव से बेचनी पड़ रही है। कारोबारी थोक भाव में प्याज अधिकतम 35 रुपये किलो तक बेच कर 55 फीसदी तक मुनाफा कमा रहे हैं। ऐसे में प्याज की खेती में जो लागत आई है, वह भी निकल जाए तो उनके लिए काफी होगा। शनिवार को प्याज लेकर मंडी पहुंचे अलवर, राजस्थान के माचा गांव के किसान अख्तर इमाम ने बताया कि वह लगभग 1020 किलो प्याज लेकर आए हैं। इसे उन्होंने प्रति चालीस किलो 575 रुपये से 600 रुपये तक में बेचा। प्याज की एक बीघे की खेती में खाद, बीज, सिंचाई की लागत करीब तीस हजार रुपये तक लग रही है। फसलों में कीट लग जाने के कारण प्याज का आकार में वृद्धि नहीं होने से प्रति बीघा उत्पादन में तीस से चालीस फीसदी तक की कमी आई है। इससे नुकसान उठाना पड़ रहा है। मंडी में करीब 3600 किलो प्याज लेकर आए अलवर के किसान नसीरुद्दीन कहते हैं कि प्याज की कीमत में भले ही तेजी आई है, लेकिन इस साल प्याज की खेती उनके लिए घाटे का सौदा साबित हुआ। वह कहते हैं कि इस तेजी में भी उन्हें प्याज 20 रुपये प्रति किलो तक बेचनी पड़ रही है। सारा मुनाफा बिचौलिया खा रहे हैं। किसानों को इस तेजी का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। राजस्थान के किसान सिरूद्दीन व सादाल की भी यही पीड़ा है। वे कहते हैं कि किसानों को प्याज जब तीन से चार रूपये प्रति किलो के दर से बेचना पड़ रहा था, तब किसी ने भी हाय तौबा नहीं मचाई। अब तक न तो सरकार को ही किसानों का ध्यान आया और न ही मीडिया ने ही इस ओर ध्यान दिया। किसान कर्ज में डूबे हैं।

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