Sunday, February 20, 2011

एसएमएस से मिलेगा मौसम का हाल


केंद्र सरकार ने किसानों और मछुआरों के लिए तैयार की योजना

दूरदराज के गांवों के किसानों के सेल फोन पर अब जल्द ही नियमित तौर पर एक ऐसा संदेश मिलेगा, जिससे उन्हें मौसम के बिगड़ते मिजाज की जानकारी मिल जाएगी। केंद्र सरकार पहले चरण में 30 लाख किसानों को यह सुविधा देने जा रही है। केंद्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री अश्वनी कुमार ने कहा कि अगले एक दशक में देशभर के सभी 30 करोड़ किसान इस सुविधा को पाने लगेंगे। इसके अलावा तटीय क्षेत्रों के सभी 37 हजार मछुआरों के लिए भी मोबाइल फोन संकट मोचक बनने जा रहा है।
मौसम में अचानक आए बदलाव से सबसे ज्यादा परेशानी किसानों और मछुआरों को ही होती है। इसलिए विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सेल फोन को उनका संकट मोचक बनाने की योजना तैयार की। इसके तहत मौसम की सूचना मोबाइल फोन पर एसएमएस या वॉइस मैसेज के जरिए दी जाएगी। किसानों को मिलने वाली मौसम की जानकारी सटीक भी हो, इसके लिए भी मौसम विभाग प्रयास कर रहा है क्योंकि मौसम विभाग की भविष्यवाणी भी कई बार गलत साबित हो जाती है। हालांकि कुमार का दावा है कि मौसम विभाग की 70 से 80 फ ीसदी तक भविष्यवाणी सही साबित होती हैं। मौसम भवन में मिले अपने कार्यालय में पहली बार पदार्पण करने के बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि मंत्रालय ने इस साल मैसेज के जरिये 30 लाख और अगले पांच वर्षों में पांच करोड़ किसानों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय देश के सुपर कंप्यूटर की कंप्यूटिंग क्षमता भी बढ़ाने जा रहा है। मौजूदा 70 टैराफ्लोप क्षमता को बढ़ाकर 300 टैराफ्लोप करने की योजना है। कुमार ने कहा कि अभी यह तय किया जाना बाकी है कि इस प्रौद्योगिकी को देश में ही विकसित किया जाए अथवा विदेश से खरीदा जाए। इस योजना पर लगभग तीन साल लगेंगे।


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