Monday, January 3, 2011

भारत में हर वर्ष ५.९ करोड़ टन फलों और सब्जियों की बर्बादी

खाद्य एवं कृषि राज्यमंत्री प्रो. के. वी. थामस ने आज कहा की देश में उपयुक्त शीतभण्डारगृह आधारभूत ढाँचे की कमी के कारण करीब ५.९ करोड़ टन के फल एवं सब्जियां प्रतिवर्ष बर्बाद होती है. भारतीय उद्योग परिसंघ (सी.आई.आई.) द्वारा शीतभण्डार श्रृंखला पर यहाँ आयोजित एक सम्मलेन में थामस ने कहा कि भारत वर्ष भर में ६.८ करोड़ टन फल एवं १२.९ करोड़ टन सब्जियों को पैदा करता है जो दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है. मंत्री ने कहा कि भारत में पैदा होने वाली करीब ३० प्रतिशत फल और सब्जियां पर्याप्त आधारभूत ढांचे के अभाव में बर्बाद हो जाती हैं जो चिंता का विषय है.

थामस ने कहा कि देश में अभी केवल २ प्रतिशत बागवानी उत्पादों का प्रसंस्करण किया जाता है जो चीन में होने वाले औसतन १५ प्रतिशत के प्रसंस्करण और एशिया प्रशांत क्षेत्र के ८ प्रतिशत के औसत प्रसंस्करण से काफी कम है. भारत में कुल ५,४०० शीत भण्डारगृह है जिसमें से ४,८७५ निजी क्षेत्र के हैं, ४०० सहकारिता संस्थाओं के पास हैं और शेष १२५ सार्वजनिक उपक्रम इकाइयों के हैं. शीत भण्डारगृहों कि कुल संख्या में से करीब ५० फीसदी उत्तर प्रदेश, पंजाब और पश्चिम बंगाल में स्थित हैं.

No comments:

Post a Comment