Sunday, January 23, 2011

धान खरीद के लिए किसानों को पुचकारेंगे सरकारी कर्मी


उत्तर प्रदेश में खाद्य एवं रसद विभाग के अधिकारी-कर्मी धान खरीद के लिए किसानों को पुचकारेंगे। अफसरों के लिए धान खरीद का लक्ष्य चुनौती बन गया है। बीस लाख मीट्रिक टन खरीद लक्ष्य के विपरीत साढ़े तीन माह में महज 8.94 लाख मीट्रिक टन की ही खरीद हो सकी है। अब डेढ़ माह से भी कम समय बचा है और 11 लाख मीट्रिक टन से भी अधिक की खरीद होनी बाकी है। गत दिनों शासन ने सभी जिलों के अफसरों को खरीद बढ़ाने के लिए निर्देश के साथ ही ताकीद की कि क्रय केंद्रों पर लगे कर्मचारी किसानों के साथ व्यवहार में बदलाव लायें। इसकी जांच के लिए खाद्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जल्दी ही क्रय केंद्रों का दौरा कर किसानों से सच्चाई जानेंगे। चावल मिलों के लिए तय कर दिया गया है कि जब तक वे सरकारी धान खरीद से बनने वाला पूरा चावल (सीएमआर) भारतीय खाद्य निगम के डिपो पर नहीं जमा कर देती हैं तब तक सरकार उनसे किसानों की सीधे खरीद से बनने वाला चावल (लेवी) नहीं लेगी। इस पर नजर रखने के लिए खाद्य एवं रसद विभाग के विपणन अधिकारियों से कहा गया है। सूत्र बताते हैं कि 8.94 लाख मीट्रिक टन धान की सरकारी खरीद के आधार पर 5.27 लाख मीट्रिक टन चावल खाद्य निगम के डिपो पर पहुंचना चाहिए लेकिन मिलों ने अभी तक 2.67 लाख मीट्रिक टन ही जमा किया है। मिलों के इस रवैये के आधार पर अनुमान है कि मिलें धान की सरकारी खरीद से बनने वाले चावल को देने के बजाय स्वयं द्वारा खरीदे गये धान से बनने वाले चावल को डिपो तक पहुंचाने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रही हैं। ज्ञात हो, प्रदेश में धान की सरकारी खरीद 1 अक्टूबर से शुरू हो जाती है। खाद्य विभाग, पीसीएफ, यूपी एग्रो, राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम और कर्मचारी कल्याण निगम को 20 लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य दिया गया लेकिन 18 जनवरी तक एजेंसियां आठ लाख 94 हजार 760 मीट्रिक टन धान ही खरीद सकी हैं।


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