Thursday, January 13, 2011

आलू की फसल पर शराब का छिड़काव

अलीगढ़ के इगलास क्षेत्र में किसान आलू की फसल पर दारू का छिड़काव करते हैं। वह ऐसा किसी टोटके के लिए नहीं बल्कि फसल की गुणवत्ता को बरकरार रखने और उपज बढ़ाने के लिए ऐसा करते हैं। वहीं, कृषि विशेषज्ञ किसानों की इस हरकत पर अपना माथा पीट रहे है। उनका मानना है कि ऐसा करने से जमीन की उर्वरा शक्ति ही चौपट हो जाएगी। खेती में यह विचित्र किन्तु सत्य प्रयोग इगलास क्षेत्र के किसान कर रहे है। आलू की फसल को पाला व रोगों से बचाने के लिए इस नायाब प्रयोग का आइडिया कहां से आया, ये तो नहीं पता लेकिन बड़ी संख्या में किसान कीटनाशक के रूप में देशी शराब का छिड़काव कर रहे है। कुछ किसान तो शराब के साथ ऑक्सीटोसिन भी मिलाकर छिड़क रहे है। आलू की पैदावार के लिए इगलास क्षेत्र का आसपास के जिलों में खासा नाम है। खूब पैदावार होती है। जाड़े में फसल में पाला गिरने और रोग लगने का डर रहता है। इसके लिए अब तक किसान जल्दी-जल्दी सिंचाई और कीटनाशकों का छिड़काव करते रहे हैं। इस बार ठंड खूब पड़ रही है और पाला मार जाने का डर सता रहा है। इससे बचाव के लिए यहां के किसानों ने नया तरीका खोज निकाला। क्षेत्र के ज्यादातर किसान फसल में देशी शराब व ऑक्सीटोसिन का घोल बनाकर छिड़क रहे हैं। किसानों का कहना है कि शराब में अल्कोहल होता है। अल्कोहल के छिड़काव से फसल में पाला नहीं पड़ता। रोगों से भी बचाव होता है। रामकुमार और फूल सिंह नामक किसान का कहना है कि शराब के छिड़काव से पैदावार बंपर होती है। आलू की गुणवत्ता भी अच्छी होती है, जिसकी बाजार में अच्छी कीमत मिलती है। इस बारे में बात करने पर क्षेत्रीय कृषि सुरक्षा पर्यवेक्षक बनवारी लाल ने कहा, मैं हैरान हूं और चिंतित भी। किसान अज्ञानतावश फसल में शराब का छिड़काव कर रहे हैं। इससे खेत की उर्वरा शक्ति खत्म होती जाएगी। आलू भी अंदर से गल जाएगा। खुदाई के समय काला आलू निकलेगा, जिसे खाने वाले भी बीमार पड़ सकते है।

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