Thursday, January 20, 2011

अफ्रीका में खेती करा रहे भारतीय काश्तकार

xआने वाले दिनों में पंजाब की रसोई में अफ्रीका की आर्गेनिक (बिना रासायनिक खाद व कीटनाशक के छिड़काव से पैदा होने वाली) दालें पकती नजर आएंगी। पंजाब व हरियाणा के किसानों ने अफ्रीका में 80 हजार एकड़ जमीन 49 सालों की लीज पर ली है। इस जमीन पर वे अरहर, चना, मूंग, राजमा, सोयाबीन, मकई के साथ-साथ सब्जियों व अन्य चीजें पैदा कर रहे हैं। दोनों मुल्कों के बीच हुए समझौते के बाद अब किसान भारत को आर्गेनिक दालें व सब्जी भेजेंगे। अफ्रीका में चार हजार एकड़ जमीन लीज पर लेने वाले अमृतसर के रविंदर पाल सिंह और पवन शर्मा के मुताबिक, उन्होंने दस डॉलर प्रति एकड़ साल के दर पर जमीनें लीज पर ली गई हैं। हालांकि जमीन काफी खराब हैं, लेकिन अब धीरे-धीरे वहां पर आर्गेनिक दाल और सब्जी की अच्छी खेती होने लगी है। इसके अलावा अफ्रीका में एक डॉलर रोजाना पर श्रमिक आसानी से उपलब्ध हैं। रविंदर पाल सिंह के अनुसार भिवानी के चौधरी महिंदर सिंह, दीवान सिंह के पास सौ एकड़ से अधिक जमीन है, जहां पर वह आर्गेनिक दालों की पैदावार करते हैं। उन्होंने हरियाणा में अब दालें भेजने के लिए करार किया है। भारत से अफ्रीका में खेती करने के लिए जो भी खेती उपकरण भेजे जाते हैं, वे भी ड्यूटी फ्री हैं। ऐसे में पंजाब से अफ्रीका में खेती करने के लिए ट्रैक्टर, ट्राली के साथ-साथ कटाई की मशीनें ले जाई गई हैं। अमृतसर के ग्रीन वैली आर्गेनिक फूड लिमिटेड की डायरेक्टर पूजा मल्होत्रा कहती हैं कि जल्द ही अफ्रीका से दालें व सब्जियां पंजाब आना शुरू हो जाएंगी। खास बात यह है कि अफ्रीका से आने वाली दालें भारत की मौजूदा मार्केट से कहीं सस्ती पड़ेंगी।


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